जाने! बाबा विश्वनाथ से जुड़े रोचक तथ्य

यहां वाम रूप में स्थापित बाबा विश्वनाथ शक्ति की देवी मां भगवती के साथ विराजते हैं। यह अद्भुत है। ऐसा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता है। आइए काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े कुछ तथ्यों पर एक नजर डालते हैं जिनके बारे में अधिकतर लोगों को शायद ही पता हो।


बाबा विश्वनाथ मंदिर
काशी का मंदिर जो की आज मौजूद है, वह वास्तविक मंदिर नहीं है। काशी के प्राचीन मंदिर का इतिहास कई साल पुराना है, जिसे औरंगजेब ने नष्ट कर दिया था। बाद में फिर से मंदिर का निर्माण किया गया, जिसकी पूजा-अर्चना आज की जाती है। PC: wikimedia.org
 

काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण इन्दौर की रानी अहिल्या बाई होल्कर ने करवाया था। मान्यता है कि 18वीं शताब्दी के दौरान स्वयं भगवान शिव ने अहिल्या बाई के सपने में आकर इस जगह उनका मंदिर बनवाने को कहा था।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दो भागों में है। दाहिने भाग में शक्ति के रूप में मां भगवती विराजमान हैं। दूसरी ओर भगवान शिव वाम रूप (सुंदर) रूप में विराजमान हैं। इसीलिए काशी को मुक्ति क्षेत्र कहा जाता है।
PC: wikimedia.org
 

बाबा विश्वनाथ
बाबा विश्वनाथ के दरबार में तंत्र की दृष्टि से चार प्रमुख द्वार इस प्रकार हैं :- 1. शांति द्वार। 2. कला द्वार। 3. प्रतिष्ठा द्वार। 4. निवृत्ति द्वार। इन चारों द्वारों का तंत्र में अलग ही स्थान है। पूरी दुनिया में ऐसा कोई जगह नहीं है जहां शिवशक्ति एक साथ विराजमान हों और तंत्र द्वार भी हो।
PC: wikimedia.org
 

बाबा विश्वनाथ मंदिर
मंदिर के शीर्ष पर एक सुनहरा छत्ता है। ऐसा माना जाता है कि इस सुनहरे छत्ता के दर्शन के बाद मांगी गई हर इच्छा पूरी हो जाती है।
PC:Franklin Price Knott
 

काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट साल भर खुले रहते हैं। दुनिया भर से भक्त भगवान का दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। इस मंदिर में पांच प्रमुख आरतियाँ होती है। अगर आपने कभी यहाँ की आरती को देखा है तो यकीनन आप इस विस्मयकारी दृश्य को भूल नहीं सकते। PC:WCities
 

बाबा विश्वनाथ मंदिर
बाबा विश्वनाथ के अघोर दर्शन मात्र से ही जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। शिवरात्रि में बाबा विश्वनाथ औघड़ रूप में भी विचरण करते हैं। उनके बारात में भूत, प्रेत, जानवर, देवता, पशु और पक्षी सभी शामिल होते हैं।
 

बाबा विश्वनाथ मंदिर
ऐसा कहा जाता है कि जब औरंगज़ेब द्वारा मंदिर को ध्वस्त करने की खबर लोगों तक पहुंची, तो विनाश से शिव की प्रतिमा को बचाने के लिए उसे कुँए में छिपा दिया गया। यह कुआँ आज भी यहाँ मस्जिद और मंदिर के बीच में खड़ा है। जब कभी भी आप अगली बार इस राजसी स्थल पर प्रार्थना के लिए जाएं यहाँ जाना न भूलें।
 

बाबा विश्वनाथ मंदिर
ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस मंदिर में सच्ची श्रद्धा से शिवलिंगम के दर्शन करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 

कैसे पहुंचे कशी विश्वनाथ मंदिर
हवाई जहाज द्वारा
बाबतपुर विमानक्षेत्र (लाल बहादुर शास्त्री विमानक्षेत्र) शहर के केन्द्र से 24कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है और इस एयरपोर्ट से चेन्नई, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, खजुराहो, बैंगकॉक, बंगलुरु, कोलंबो एवं काठमांडु आदि देशीय और अंतर्राष्ट्रीय शहरों की उड़ाने उपलब्ध है।
ट्रेन द्वारा
उत्तर रेलवे के अधीन वाराणसी जंक्शन एवं पूर्व मध्य रेलवे के अधीन मुगलसराय जंक्शन नगर की सीमा के भीतर दो प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। इनके अलावा नगर में16 अन्य छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं।

सड़क
वाराणसी सभी राजमार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। एन.एच.-2दिल्ली-कोलकाता राजमार्ग वाराणसी नगर से निकलता है। इसके अलावा एन.एच.-7जो भारत का सबसे लंबा राजमार्ग है, वाराणसी को जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, बंगलुरु, मदुरई और कन्याकुमारी से जोड़ता है।

Comments

Popular posts from this blog

RRB Recruitment 2019: 10वीं पास के लिए भारतीय रेलवे में निकली 992 फैक्ट्री अपरेंटिस पदों पर वैकेंसी, आरआरबी के तहत icf.indianrailways.gov.in पर करें आवेद

10वीं/12वीं पास के लिए – बैंक में सीधे इंटरव्यू द्वारा बिना लिखित परीक्षा के हो रही है भर्तिया, सैलरी 28 हजार रुपये प्रति माह

रेलवे टीटी के पद पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन